Tuesday 18 June 2013

1710 से 1838 तक के भारत में तब मराठाओ ने हिन्दवी सम्राज्य की स्थापना की थी, तब भारत में कोई गरीब, दलित, निरीह, निरक्षर नहीं था, गौहत्या पर प्रतिबंध था, पूरी तरह से भारत में सुख व् सम्पन्नता थी, यहाँ तक की सभी समस्याओं की जड़ मुसलमान भी लगभग समाप्त हो चुके थे,
ऐसे में मुसलमानों को दारुल इस्लाम का सपने फिर से बुनने के लिए अंग्रेजो का आगमन हुआ,
यदि अंग्रेज न आते तो आज भारत 21वी सदी का सबसे वैभवशाली देश और इस्लाम मुक्त देश होता,
पर अंग्रेजो ने हिन्दुओ और सनातन संस्कृति को समाप्त करने और ईसाईयों की हत्या लुट बलात्कार की नीति को सफल बनाने के लिए मुसलमानो की सहायता की और उन्हें हर सुविधाए दी, इन्ही मुसलमानों के बीच मराठाओ की शक्ति को कम करने के लिए 1858 में एक जिहादी सलालुद्दीन उर्फ़ चाँद मियां को साईं नाम से मराठवाडा के शिर्डी में बिठाया गया,
अंग्रेजो ने इस साईं को हर प्रकार की सुविधा दी, शुरू में अंग्रेजो के इलाको में लूटपाट करने वाला बदरुद्दीन का बेटा चाँद मिया उर्फ़ सलालुद्दीन अब साईं के नाम से अंग्रेजो का पिट्ठू बन कर मराठो को सेकुलर बना कर इस्लामिक राज्य बनाने के सपने देख रहा था,
300 साल तक मुगलों का सफलता पूर्वक सामना करने के पश्चात मराठा शक्ति ने भारत से मुसलमानों को एक प्रकार से समाप्त कर ही दिया था, केवल कुछ भागो में मुसलमान उत्पात कर रहे थे,
बचे खुचे 3-5% मुसलमान किसी तरह से मुगलकालीन समय के पुन: आगमन की प्रतीक्षा में थे,
परन्तु अंग्रेजो के कारण समाप्त होती यवन संस्कृति बच गयी और भारत पुन: विदेशी मुसलमानों के चंगुल में फंस गया, अंग्रेजो के आने के बाद बड़े पैमाने पर दंगे और हिंसा हुई, लाखो हिन्दुओ को जबरन मुस्लमान बनाया गया, धोखे से उन्हें इस्लामी में धर्मान्तरित किया गया, जिसके कारण केवल 30 साल में मुसलमानों की जनसख्या 3% से 20% हो गयी, और इन्ही 20% विदेशी यवनी मुसलमानों को देश की 33% भूमि भीख में दे दी गयी,
फिर भी गाँधी नेहरु की कृपा से देश में 4% मुसलमान फिर से बच गये थे, 1992 में बाबरी के बाद एकजुट हुए मुसलमानों ने पूरी रणनीति के अंतर्गत केवल 20 साल में 7% से 20% जनसँख्या के द्वारा भारत के अधिकतर भागो में कई सारे पाकिस्तान खड़े कर दिए, आज कई सारे जिन्ना, कई सारे आला इकबाल, बहुत से रहमत अली खड़े है,
आज हजारो जिन्ना के इशारों पर हिन्दुओ को काटने वाला लाखो मुस्लिम होमगार्ड के सैनिक दस्ते बन चुके है, एक मुस्लिम लीग जैसी हजारो मुस्लिम संस्थाए खड़ी हो चुकी है,
आज वही मराठा और हिन्दूओ की संताने साईं नाम के जिहादी को पूज रही है,
आज साईं नाम का ये जिहादी सभी मंदिरों हिन्दुओ के घरो में घुस चूका है,
1998 के बाद शुरू किया गया भक्ति जिहाद अब साईं के माध्यम से हर हिन्दू के दिल और घर में बैठ गया है,
क्या मिला उस विभाजन से हमे, और क्या मिलेगा साईं की भक्ति से हमे,
पुन: एक और विभाजन पर खड़े है हम
और मुसलमानों के साथ है आज के सेकुलर और साईं भक्त,




1710 से 1838 तक के भारत में तब मराठाओ ने हिन्दवी सम्राज्य की स्थापना की थी, तब भारत में कोई गरीब, दलित, निरीह, निरक्षर नहीं था, गौहत्या पर प्रतिबंध था, पूरी तरह से भारत में सुख व् सम्पन्नता थी, यहाँ तक की सभी समस्याओं की जड़ मुसलमान भी लगभग समाप्त हो चुके थे,
ऐसे में मुसलमानों को दारुल इस्लाम का सपने फिर से बुनने के लिए अंग्रेजो का आगमन हुआ, 
यदि अंग्रेज न आते तो आज भारत 21वी सदी का सबसे वैभवशाली देश और इस्लाम मुक्त देश होता,
पर अंग्रेजो ने हिन्दुओ और सनातन संस्कृति को समाप्त करने और ईसाईयों की हत्या लुट बलात्कार की नीति को सफल बनाने के लिए मुसलमानो की सहायता की और उन्हें हर सुविधाए दी, इन्ही मुसलमानों के बीच मराठाओ की शक्ति को कम करने के लिए 1858 में एक जिहादी सलालुद्दीन उर्फ़ चाँद मियां को साईं नाम से मराठवाडा के शिर्डी में बिठाया गया,
अंग्रेजो ने इस साईं को हर प्रकार की सुविधा दी, शुरू में अंग्रेजो के इलाको में लूटपाट करने वाला बदरुद्दीन का बेटा चाँद मिया उर्फ़ सलालुद्दीन अब साईं के नाम से अंग्रेजो का पिट्ठू बन कर मराठो को सेकुलर बना कर इस्लामिक राज्य बनाने के सपने देख रहा था,
300 साल तक मुगलों का सफलता पूर्वक सामना करने के पश्चात मराठा शक्ति ने भारत से मुसलमानों को एक प्रकार से समाप्त कर ही दिया था, केवल कुछ भागो में मुसलमान उत्पात कर रहे थे,
बचे खुचे 3-5% मुसलमान किसी तरह से मुगलकालीन समय के पुन: आगमन की प्रतीक्षा में थे,
परन्तु अंग्रेजो के कारण समाप्त होती यवन संस्कृति बच गयी और भारत पुन: विदेशी मुसलमानों के चंगुल में फंस गया, अंग्रेजो के आने के बाद बड़े पैमाने पर दंगे और हिंसा हुई, लाखो हिन्दुओ को जबरन मुस्लमान बनाया गया, धोखे से उन्हें इस्लामी में धर्मान्तरित किया गया, जिसके कारण केवल 30 साल में मुसलमानों की जनसख्या 3% से 20% हो गयी, और इन्ही 20% विदेशी यवनी मुसलमानों को देश की 33% भूमि भीख में दे दी गयी,
फिर भी गाँधी नेहरु की कृपा से देश में 4% मुसलमान फिर से बच गये थे, 1992 में बाबरी के बाद एकजुट हुए मुसलमानों ने पूरी रणनीति के अंतर्गत केवल 20 साल में 7% से 20% जनसँख्या के द्वारा भारत के अधिकतर भागो में कई सारे पाकिस्तान खड़े कर दिए, आज कई सारे जिन्ना, कई सारे आला इकबाल, बहुत से रहमत अली खड़े है,
आज हजारो जिन्ना के इशारों पर हिन्दुओ को काटने वाला लाखो मुस्लिम होमगार्ड के सैनिक दस्ते बन चुके है, एक मुस्लिम लीग जैसी हजारो मुस्लिम संस्थाए खड़ी हो चुकी है,
आज वही मराठा और हिन्दूओ की संताने साईं नाम के जिहादी को पूज रही है,
आज साईं नाम का ये जिहादी सभी मंदिरों हिन्दुओ के घरो में घुस चूका है,
1998 के बाद शुरू किया गया भक्ति जिहाद अब साईं के माध्यम से हर हिन्दू के दिल और घर में बैठ गया है,
क्या मिला उस विभाजन से हमे, और क्या मिलेगा साईं की भक्ति से हमे,
पुन: एक और विभाजन पर खड़े है हम
और मुसलमानों के साथ है आज के सेकुलर और साईं भक्त,
@[241898949289211:274:Shirdi Sai baba - भारत के इतिहास का सबसे बड़ा पाखंड]
एडमिन - Saffron Hindurashtra

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