BhojaBhagat
Monday 6 May 2013
! यह देश का दुर्भाग्य ही है की यहाँ गाधी (गंधासुर) की बकरी को बाँधने वाली रस्सी भले ही संग्राहलय की शोभा बढ़ा रही हो।
लेकिन फांसी के फंदे की उस रस्सी का दीदार नयी पीढ़ी को नहीं हो पाया जिसे उन्होंने चूमकर गले में डाला था..!!
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