Tuesday 30 April 2013

Dont drink coldrinks....drink lassi.....juice..ganne ka ras...save health....save india
















भारत की जनसंख्या = 125 करोड
कोल्डड्रिन्क पीने वाले = 15 करोड
हरएक का सालना खर्च - 4000 रूपये
Total – 60,000 करोड
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ये 60,000 करोड अभी विदेशी कंपनीयाँ लूट कर ले जाती है
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अगर आप लस्सी, दूध, फलो का रस(जूस), आम का पना, शिकंजी, नींबू पानी पियेंगे तो ये 60,000 करोड किसानो के पास जायेंगे और उनको आत्महत्या नही करनी पडेगी
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खूब शेयर करो । सबको बताओ ।


Monday 29 April 2013



सावधान ... जानसन एंड जानसन का बेबी पाउडर आपने बच्चे की स्किन को गम्भीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है .. 

जी हाँ , मित्रो, गुजरात और महाराष्ट्र सहित देश के कई हिस्सों में लोगो ने एफडीए और दूसरी कई सरकारी अथारितिज को शिकायत भेजी थी की जॉन्सन एंड जोन्सन का बेबी पाउडर से बच्चों की चमड़ी लाल हो जा रही है .. यहाँ तक की कई बच्चों के डाक्टरों ने भी इस बारे में शिकायत किया की उनके यहाँ ऐसे बच्चे आ रहे है जिसको जानसन का बेबी पाउडर नुकसान पहुंचा रहा है |

फिर सरकार ने जब इस बारे में जाँच की तो पता चला की पाउडर को बैक्टीरिया से मुक्त रखने के लिए इथिलिन आक्साइड का प्रयोग किया गया था लेकिन उसकी मात्रा तीन गुनी ज्यादा हो गयी थी ..

जानसन एंड जानसन ने अपनी गलती मान ली है .. और उसने सरकार को भरोसा दिया की है सभी बेबी पाउडर बाज़ार से वापस ले लिए जायेंगे |

Friday 26 April 2013

























अरे भैया…..नारे लगाने, उछल कूद करने और मोमबत्ती जलाने से कुछ नहीं होगा। अब सीधे क्रांति होनी चाहिए। मैंने ये बात 16 दिसम्बर वाली घटना के वक्त भी कहा था और आज फिर कह रहा हूँ। 16 दिसम्बर वाली घटना के वक्त इतना बड़ा आन्दोलन हुआ था, लेकिन क्याहुआ…..टांयीं-टांयीं फिश… मतलब ठेंगा मिला !! वो तो मिलना ही था। मैंने उस दिन अपने लेख में भी लिखा था की तुम लोग कितनी भी उछल कूद और मोमबत्तियां जला लो कुछ भी नहीं होने वाला। आज मै फिर कह रहा हूँ की इस प्रदर्शन से भी कुछ नहीं होने वाला, अभी भी कहीं न कहीं देश के बहुत से कोनो में बलात्कार हो रहे होंगे लेकिन बिकाऊ मीडिया तो सिर्फ दिल्ली में ही सक्रिय है बाकी देश में तो है ही नहीं, तो उन घटनाओ के बारे में पता नहीं चल पा रहा है। आप उस बलात्कार करने वाले को बीच चौराहे पे फांसी दे दो, मै दावे के साथ (100% ) बोल सकता हूँ की बलात्कार की घटनायें कम नहीं होंगी, आज 4 हुए तो कल 8 हो जायेंगे। वास्तव में इन घटनाओं का जिम्मेदार हमारे नैतिक मूल्यों का पतन भी है। और इन नैतिक मूल्यों के पतन का जिम्मेदार कौन है (?) कभी सोचा है आपने (??) अगर नहीं सोचा है तो आज से सोचना शुरू कर दीजिये। मै आपको सबसे अच्छा उदाहरण देता हूँ .......आप सभी अपने-अपने घर में आजतक न्यूज़ चैनल देख रहे होंगे, ऐसा लग रहा है की सारी नैतिकता और चरित्र इसी चैनल के पास है....लेकिन वास्तव में जिसे आप अपना सबसे पसंदीदा चैनल कहते हो वो ही समाज में बलात्कार की घटनाओं के लिए सबसे बड़ा जिम्मेदार है। अब आप पूछोगे ये भला कैसे हो सकता है, ये तो सबसे तेज चैनल है ......सबसे तेज .... हा हा हा (:P)…. अरे भैया मै सच बोल रहा हूँ.....अगर आपको भारत की सबसे बड़ी पोर्न साईट देखनी हो तो आप www.aajtak.com पे चले जाइये। (आजतक चैनल की अश्लील वेबसाइट की फोटो यहाँ पर डालने के लिए माफ़ी चाहता हूँ, आखिर सच्चाई सबके सामने आनी चाहिए)…..ये चैनल औरतों और बच्चियों को सिर्फ भोग की वस्तु समझता है.....इसके अलावा इनका सबसे बड़ा सहयोगी इंडिया टुडे ग्रुप ....वो तो इनसे भी बड़ा गया गुजरा है इंडिया टुडे की हर मैगज़ीन के फ्रंट पेज पर एक नंगी महिला की फोटो तो जरुर रहेगी .....अरे भैया विदेशो से करोड़ों-अरबो का फण्ड जो मिल रहा है जिससे की भारतीय संस्कृति के चारित्रिक पतन की दास्तान लिखी जा सके। तो बलात्कार जैसी घटनाओं के लिए अश्लील विज्ञापन का सबसे बडा हाथ है इसमें...!! बलात्कार जैसी घटनाओं को रोकना है तो आजतक चैनल और इंडिया टुडे ग्रुप पे प्रतिबन्ध लगा दो। क्योंकि समाज में सबसे अधिक अश्लीलता यही फैलाते हैं। इसी प्रकार नवभारत टाइम्स और भास्कर ऑनलाइन न्यूज़ वेबसाइट है जो न्यूज़ की बहाने advertisement की दुकान चला रहे है, ज्यदा लोगो को वेबसाइट की ओर आकर्षित करने के लिए न्यूज़ कम और पोर्न ज्यादा परोसते है, यानी लोग इन साईट पर जाते है न्यूज़ पढने मगर गंदे न्यूज़ और चित्र से पतंगे की तरह पोर्न में चले जाते है।

कृपया पेड मीडिया और इंडिया टुडे ग्रुप के बारे में अधिक जानकारी के लिए इस विडियो को देखें –https://www.youtube.com/watch?v=dZ6jlAljyuM

तथा लेख को विस्तृत रूप में समझने के लिए कृपया इस लिंक पे क्लिक करें –
http://www.facebook.com/photo.php?fbid=451631064911854&set=a.117998244941806.22225.100001948926061&type=1&relevant_count=1 





काश गीर के कुछ शेरो को एमपी भेजने के पहले सुप्रीमकोर्ट ने ये सोचा होता की तीन सौ सालो से गीर से शेर और मालधारी समाज के लोग एक साथ रहते है ..और दोनों ने एक दुसरे के अस्तिव को स्वीकार कर लिया है .. गीर में आजतक किसी भी शेर ने किसी इन्सान पर हमला नही किया है और किसी भी लोकल इन्सान ने किसी शेर पर हमला नही किया है |

असल में शेर अपने आसपास के परिवेश के प्रति बहुत ही सजग रहते है .. गीर के मालधारी लोग जो कपड़ा पहनते है उसे केडीयु और चोर्णी कहते है और शेरो ने उसे अपना मान लिया है .. इसलिए यदि कोई मालधारी शेरो के पास से भी गुजरता है तो शेर उसके उपर हमला नही करते ..

लेकिन यदि ये शेर एमपी जायेंगे तो क्या ये वहाँ के परिवेश को स्वीकार कर पाएंगे ?
1. कैटरीना और आलिया भट्ट का फोटो 1घंटे मेँ 1000 लाईक पाता है और हमारे शहीद 1 दिन मेँ 50
2. क्रिकेटर के शतक और अभिनेताओ के बुखार के लिए लोग दुआ करते हैँ पर हमारे अन्न दाता मरते हुए किसान के लिए कोई नही
3. युवा अपनी अय्याशी मेँ लगे हैँ और बुडढे देश चला रहे हैँ
4. अध्यापक जो कक्षा मेँ बैठकर पढ़ाता है और अपने परिवार के साथ रहता है 40,000 पाता है और देश के रक्षक सैनिक हर मौसम मेँ सीमा पर अपने घर से 10 माह दूर होकर 20,000 पाते हैँ
5. देश और समाज की बातेँ करने वाले बेवकूफ लगते हैँ और रोडिज और बिगबास की बात करने वाला चलाक
6. प्यार, मोहब्बत और शायरी वाले स्टेटस पर लोग आँख बंद करके लाईक दबाते हैँ पर देश और समाज की बातोँ को पढ़कर भी लोग मुँह फिरा लेते हैँ

Wednesday 24 April 2013

महारथी अभिमन्यु की मातृगर्भ मे युद्धविद्या सिखने का प्रमाण मिलने लगे है, वैज्ञानिकों ने खोज












महारथी अभिमन्यु की मातृगर्भ मे युद्धविद्या सिखने का प्रमाण मिलने लगे है, वैज्ञानिकों ने खोज 

महारथी अभिमन्यु की मातृगर्भ मे युद्धविद्या सिखने का प्रमाण मिलने लगे है, वैज्ञानिकों ने खोज निकाला है के गर्भ के शिशुओं भी भाषण की ध्वनि सीखता है : अध्ययन 2 जनवरी, 2013

यह अध्ययन हाल ही में ऑनलाइन जर्नल Acta Paediatrica में दिखाई दिया।

SOURCE: University of Washington, news release, Jan. 2, 2013
http://www.washington.edu/news/2013/01/02/while-in-womb-babies-begin-learning-language-from-their-mothers/
पौराणिक चरित्र महारथी अभिमन्यु अपनी माँ के गर्भ में युद्ध के रहस्यों को सीखने की कहानि का अब कुछ तर्कसंगत आधार हो सकता है। नवीनतम वैज्ञानिक सबूत से पता चला है कि बच्चे उनके गर्भ के समय से ही सुनते है और भाषा कौशल सीखते है। फ्रांसीसी वैज्ञानिकों का कहना है कि गर्भ के बच्चे अपने जन्म के तिन महीने पहले ही भाषण ध्वनियों में अंतर करना सिख जाता है। अमेरिका में Pacific Lutheran University के शोधकर्ताओं ने एक नए अध्ययन में पता लगाया है कि बच्चे गर्भाशय में भी मातृभाषा के विशिष्ट ध्वनियों चुन सकते हैं। अध्ययन ने इस अनुमान को नकार दिया है कि बच्चे पैदा होने के बाद ही भाषा सीखते है। “ यह पहला अध्ययन है जिससे पता चलता है की हम पैदा होने से पहले ही अपनी मातृभाषा की भाषण ध्वनियों को सीखते है ” - क्रिस्टीन मुन, जो अध्ययन का नेतृत्व कर रहे उन्होंने कहा। ज्यादातर वैज्ञानिक अब आश्वस्त है कि अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु युद्ध के चक्रव्यूह गठन को भेदने की कला माँ सुभद्रा के गर्भ सीखी। 

बेरोजगारी के साथ साथ मौत के चंगुल मे फंसा रही है





ऐसी विदेशी कंपनीय जो भारत के लोगो को भुखमरी ,बेरोजगारी के साथ साथ मौत के चंगुल मे फंसा रही है
ऐसी विदेशी कंपनिया जिंहोने अपने मुनाफे के लिए भारत की भू-संपदाओ को नौच दिया
ऐसी विदेशी कंपनिया जिंहोने भारत की युवा पीढ़ी को अपना बाज़ार बनाकर उन्हे अश्लीलता के गर्त मे धकेल दिया
ऐसी विदेशी कंपनियो का "भ्रामक विज्ञापन " करके INDIA के खिलाड़ी भारत के गरीब लोगो को भ्रमित करके देश की शान कहलाने का सपना देख रहे है
आप खुद यदि गहराई से सोचेंगे तो आपको पता लग जाएगा की ये देश ई शान नहीं विदेशी कंपनियो के दलाल है

भारत सरकार की स्वास्थ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार -माउंटेन ड्यू मे सबसे ज्यादा मात्र मे खरनाक पदार्थ केफीन है

CSI की रिपोर्ट के अनुसार- विदेशो की तुलना मे ये कंपनीया भारत मे हजारो गुना ज्यादा जहरीले पदार्थ मिला रही है
आप सोचिए की ऐसे जहरीले पदार्थ खा कर आप पहलवान या मुक्केबाज नहीं बल्कि केन्सर के मरीज बन जाएगे

Tuesday 23 April 2013

देशी गाय तो मानव-जीवन की रक्षक ही नही ,









































यह है हमारे देश का वैदिक ज्ञान, देशी गाय तो मानव-जीवन की रक्षक ही नही , बल्कि, उसके जीवन मे भी प्रकाश डालती है, इस प्रयोग से सिध्द होता है,
आओ कसम ले , किसी को भी गो- हत्या नही करने देंगे ........ भारतमाता की जय.. स्वदेशी विचार अपनाओ, भ्रष्टाचारीओ से डूबते देश को बचाओं, देश को कर्ज़ से बचाओ... -


जिंदगी में तनाव कम करने के तरीके...

जिंदगी में तनाव कम करने के तरीके
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आज की आपाधापी एवं तेज रफ्तार जीवन शैली में कोई व्यक्ति ऐसा नहीं है तो तनाव से युक्त न हो। आज के युग में छोटे-छोटे बच्चे भी तनावग्रस्त रहने लगे हैं। तनाव एक ऐसी समस्या है जो व्यक्ति को अंदर अंदर ही खोखला बना देती है। जब इसकी अति हो जाती है यह एक गंभीर रोग का रूप ले लेता है। तनाव से हर कोई व्यक्ति ग्रस्त है। कुछ लोग तनाव को बेवजह पालते हैं तो कुछ लोग व्यर्थ की चिंताओं में ग्रस्त होकर अपने वर्तमान और भविष्य को नष्ट करते हैं। इसके साथ ही तनाव अनेक रोगों और समस्याओं को जन्म देता है जिसमें भूख न लगना, काम में मन न लगना, चिड़िचिड़ापन, क्रोध, कब्ज आदि मुख्य है।
तनाव से हानियां :-
* तनाव के कारण व्यक्ति को भूख कम लगती है जिससे व्यक्ति का स्वास्थ्य बिगड़ने लगता है।
* तनाव रक्तचाप को बढ़ाता है जो हृदय रोग का कारण बनता है।
* तनाव सिरदर्द की समस्या को उत्पन्न करता है। अत्यधिक तनाव आयु को कम करता है।
* तनाव के कारण शरीर असंतुलित हो जाता है जिसके कारण बदहजमी और पेट दर्द की समस्या उत्पन्न होती है। नींद नहीं आने से स्वास्थ्य में गिरावट आती है।
* मानसिक तनाव के कारण चेहरे की मांसपेशियों पर अनावश्यक दबाव पड़ता है जिसके कारण त्वचा में झुर्रियों पड़ता है जिसके कारण त्वचा में झुर्रियों की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
तनाव कम करने के उपाय :-
* धार्मिक कार्यों में रूचि उत्पन्न करें, इससे आपको आत्म संतुष्टि प्राप्त होगी।
* परिवार के लोगों के साथ मिलकर बैठें, साथ भोजन करें और अपनी समस्या पर विचार करें।
* अपनी रूचि का कार्य करें। बागवानी, चित्रकला संगीत, सिलाई कला, पेंटिंग, यदि विद्वान हों तो रचनाएं लिखकर या आलेख लिखकर अपने तनाव को कम किया जा सकता है।
* योग करना तनाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना है।
* अपने अंदर छुपी रूचि को विकसित करने का प्रयास करें।
* कभी भी किसी विषय पर अत्यधिक गंभीर न हो।
* नींद न आना या फिर कम सोना भी तनाव का महत्वपूर्ण कारण है इसलिये भरपूर नींद लें। यदि नींद नहीं आती हो तो सोने से पूर्व अच्छी पुस्तकों का अध्ययन करें।
* नियमित सैर व व्यायाम का अभ्यास करें। प्रात: जल्दी उठकर ताजी हवा में सांस लें। एकांत में रहने के विपरीत साथ समूह में बैठें। मनोरंजन के लिये टीवी देखें।
* हंसने और मुस्कराने की आदत डालें, ये दोनों आदतें तनाव को कम करने में प्रभावशाली हैं।
* आदतों में बदलाव लाएं, कभी-कभी गलत आदतें और व्यवहार भी हमें तनावग्रस्त में रखता है।
* आपसी विवाद से बचें एवं किसी मामले में झगड़ा फसाद व क्रोध न करें।

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आज की तिथि - संवत २०७०, चैत्र मास, शुक्ल पक्ष, नवमी, दिन शनिवार
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राष्ट्रवाद की अविरत गंगा

परिवर्तन के पुरोधा - Pioneers of Revolution